Tuesday, December 22, 2015

मिलने का कोई प्लान

जिम्मेदारियां मजबूर कर देती हैं, अपना "शहर" छोड़ने को !!

वरना कौन अपनी गली में,

जीना नहीं चाहता ।।।                                         

एक वक्त ऐसा था..दोस्त बोलते थे-
"चलो,मिलकर कुछ प्लान बनाते हैं"
और अब बोलते है-"चलो मिलने का कोई प्लान बनाते है.

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